माँ सरस्वती
सरस्वती माता कौन थी?
माँ सरस्वती भारतीय पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख देवी है। विज्ञान, कला, विद्या, वाणी, बुद्धि, संगीत, कविता, की देवी मां सरस्वती कहलाती है। वह ब्रह्मदेव की सदरमिणी और सरस्वती नदी की नियंत्रक है, मां सरस्वती की पूजा करने से मनुष्य को ज्ञान, विद्या, और बुद्धि की प्राप्ति होती है, वह ब्रह्म देव की पत्नी है और संसार के सृजनहारिणी है।
मां सरस्वती के रूप और विशेषताएं और देवी सरस्वती किसका प्रतीक है?
मां सरस्वती को ध्यान करने पर विभिन्न रूपों में प्रकट होती हैं उनकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है. चार मुख और सुबह सफेद वस्त्र मां सरस्वती को चार मुख्य और सफेद वस्त्र में दिखाया गया है, उनके चार मुख्य विद्या के चारों दिशाओं को प्रतिशत करते हैं मां सरस्वती सफेद वस्त्रों को पहने रहती हैं जो की शुद्धता और पवित्रता को प्रतिष्ठित करते हैं।
मुकुट और बिना
मां सरस्वती सिर पर मुकुट पहने होती हैं, और बिना को बजाते हुए दिखाई देती हैं, मुकुट उनकी राय सत्ता और शक्ति को प्रतिष्ठित करता है जबकि बिना उनकी कला और संगीत का प्रतीक है।
हंस वाहन
मां सरस्वती का वाहन हंस होता है हंस ज्ञान और अद्भुत का प्रतीत होता है, इसके साथ ही हंस के सामर्थ्य और गति मां सरस्वती के ज्ञान और कला की प्रतिष्ठा करती है, मां सरस्वती की पूजा की जाती है मां सरस्वती की पूजा करने से विज्ञान, कला, विद्या, वाणी, बुद्धि, संगीत की प्राप्ति होती हैं, पूजा में उनकी मूर्ति चालीसा आरती और मंत्रों का जाप करते हैं।
माँ सरस्वती के मंत्र
माँ सरस्वती के जाप से विद्यार्थी और ज्ञानी लोगों को बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, ये मंत्र ध्यान के दौरान माँ सरस्वती के आध्यात्मिक गुणों की प्रशंसा करते हैं।
- “या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
- या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
- या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
- सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥”
- शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
- वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
- हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
- वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥
सरस्वती विद्या की देवी कैसे हुई?
माता सरस्वती के बारे में मान्यता है की वह ब्रह्मा जी ने सरस्वती माता को बुलाया और उन्हें कहा की वह अपनी मधुर वीना से सृष्टि में स्वर भरें . माता सरस्वती ने जैसे ही अपनी वीना के तारों को स्पर्श किया उससे ‘ सा’ शब्द निकला यह शब्द संगीत के सात सुरों में से एक है. इस तरह माता सरस्वती विद्या की देवी कहलाई।
मां सरस्वती के कितने पुत्र थे?
मां सरस्वती ब्रह्मा की पत्नी थी माता सरस्वती और ब्रह्मा के अनेकों पुत्र थे, मां सरस्वती के पुत्रों में सबसे परसिद्ध पराजपति दक्ष जो को माता सती के पिता और शिव के ससुर थे, उनके इलावा माता सरस्वती के प्रथम पुरुष मनु और सप्त ऋषि भी उनके पुत्र थे।
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