Chandrayaan-3 Launch: अंतरिक्ष में भारत ने रचा इतिहास! इसरो का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ है, 40 दिन बाद चांद पर होगी इसकी लैंडिंग.
ISRO chandrayan 3 launch: भारत का तीसरा मून मिशन करीब 40 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से होगी।’चंद्र मिशन’ सालों 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का फॉलोअप मिशन रहा है। भारत की इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है।’चंद्रयान-2’मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हो पाए थे।
इस बार अगर मिशन में भारत को सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन, और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)का तीसरा मून मिशन चंद्रयान 3 श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो चुका है। 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2: 35 मिनट पर chandrayaan-3 को लॉन्च किया गया।
40 दिन बाद चांद पर होगी लैंडिंग।
चंद्रयान-3 करीब 40 दिनों बाद अगस्त के अंतिम हफ्ते में चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंच जाएगा।23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। दोनों 14 दिन तक चांद पर ही रहकर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के अर्थ में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन की स्टडी करेंगे।
चंद्रयान-3 पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित।
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि chandrayaan-3 में चंद्रमा की और अपनी यात्रा शुरू कर दी है। हमारे LVM3 ने पहले ही chandrayaan-3 को पृथ्वी के चारों और सटीक रूप से स्थापित कर दिया। हम chandrayaan-3 को बहुत सारी शुभकामनाएं देते हैं ताकि आने वाले दिनों में वह चंद्रमा की और सफलता से अपनी यात्रा को पूरा कर सकें।
पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को किया सलाम।
chandrayaan-2 लॉन्चिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ट्वीट कर इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की। सराहना करते हुए मोदी जी ने कहा है की chandrayaan-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया इतिहास लिखा है। यह हर भारतीयों के सपनों को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान पर बढ़ता हुआ भारत है। पीएम मोदी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का परिणाम है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को दिल से सलाम करता हूं।
चंद्रयान-3 पहली परीक्षा में पास।
चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के बाद करीब 179 किमी की ऊंचाई पर जाकर चंद्रयान-3 रॉकेट से अलग हो गया।16 मिनट बाद चंद्रयान-3 को रॉकेट ने ऑर्बिट में स्थापित किया। इसरो चीफ सोमनाथ ने इस सक्सेसफुल लॉन्चिंग के बाद कहा कि chandrayaan-3 ने चंद्रमा की और अपनी यात्रा शुरू कर देगा।
3,900 किलोग्राम है वजन।
अंतरिक्ष में इतिहास रचते हुए भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान 3 श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो चुका है। chandrayaan-3 एक लैंडर, एक रोबर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है।
तीसरे चरण में पहुंचा chandrayaan-3.
चंद्रयान 3 के लॉन्च होने के बाद बुस्टर और पोलैंड को रॉकेट से अलग कर दिया गया था। साथी ही chandrayaan-3 तीसरी और अंतिम अंतिम चरण में पहुंच गया है। अबे chandrayaan-3 क्रायोजेनिक इंजन स्टार्ट हो चुका है और चंद्रायन को लेकर आगे की ओर बढ़ रहा है।
अंतरिक्ष में भारत ने रचा इतिहास!
भारत का तीसरा मून मिशन ‘चंद्रयान 3’ आज लॉन्च हो चुका है। इसे दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से chandrayaan-3 को रवाना किया गया। 615 करोड़ की लागत से तैयार मून मिशन करीब 45 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। चंद्रयान-3 को भेजने के लिए LVM-3 लांचर का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले GSLV- MK के नाम से जाना जाता था।
चंद्रमा के सफर पर रवाना हुआ चंद्रयान।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO)का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो चुका है। आंध्र प्रदेश श्रीहरिकोटा स्टेटस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर chandrayaan-3 को लांच किया गया था।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे मून मिशन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में इतिहास में लिखा जाएगा। यह राष्ट्र की आशा और सपनों को बहुत आगे बढ़ाएगा। पीएम मोदी जी ने कहा कि chandrayaan-2 भी उतना ही पथप्रदर्शक था क्योंकि इससे जुड़ेन आर्बिटर के डाटा ने रिमोट की सेटिंग के माध्यम से पहली बार क्रोमियम मैंगनीज और सोडियम की उत्पत्ति का पता लगाया था।
Chandrayaan-3 से कितना अलग है नया मिशन:
इसरो से chandrayaan-2 की सफलता को देखते हुए इस बार chandrayaan-3 में कुछ तकनीकी सुधार किए हैं। जिसे इस बार chandra।yaan-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने की काफी संभावना है। chandrayaan-3 को chandrayaan-2 के रूप में लांच किया गया है। जिसे लगभग 4 साल पहले 22 जुलाई 2019 को चंद्रमा की सतह की और भेजा गया था। दुर्भाग्य से पिछले चंद्र मिशन फेल हो गया था। जिसके कारणों से उन्हें दुर्घटना के कारण उन्हें विफलता का सामना करना पड़ा था
615 करोड़ की लागत से तैयार किया गया चंद्रयान-3!
615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ मून मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा।
इस बार इतिहास रचने को तैयार है भारत!
‘चंद्र मिशन’ साल 2019 के ‘chandrayaan-2’का फॉलोअप मिशन है । भारत में ऐसा तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है। chandrayaan-3 का यह मिशन पास हो गया तो भारत में एक नया इतिहास रचेगा
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