मणिमहेश यात्रा: यात्रियों की भीड़ नहीं भरमौर में पड़ा सन्नाटा!
मणिमहेश में पहले की तरह नहीं पहुंच पा रहे श्रद्धालु कारोबारी टेंशन में आ गया है।
बारिश के चलते प्रदेश भर में मची तबाही का असर इस बार उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में भी देखने को मिल रहा है। के रूद्र रूप को देखते हुए इस यात्रा के आधिकारिक रूप से आरंभ होने से पहले भरमौर में उभरने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बिल्कुल भी नहीं दिख रही है। इसके चलते क्षेत्र के कारोबारी में मायूसी छा गई है और इसी यात्रा के आधिकारिक तौर पर आरंभ होने का इंतजार है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश मैं आसमान साफ होने की बात कही है लेकिन यात्रा के शुरू होने से पहले ही मणिमहेश यात्रा पर मौसम का असर इस मर्तबा दिख रहा है। बारिश आने से इस बार हिमाचल प्रदेश में बहुत ही तबाही मची हुई है जगह-जगह पर लैंड स्लाइडिंग हो रही है।
जिसके चलते श्रद्धालु मणिमहेश की यात्रा में नहीं जा रहे हैं। इस बार कुदरत का इतना कहर हुआ है की जगह-जगह पर बादल फट रहे हैं, और लैंड स्लाइडिंग, हो रही है। जिसके कारण हिमाचल में बहुत ही ज्यादा तबाही मची हुई है। लोग के मारे हिमाचल में जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। लैंडस्लाइडिंग और बादल फटने से कई लोगों की जाने जा चुकी है और लोग के घर तक टूट गए हैं। इस बार कुदरत की ऐसी मार पड़ी है कि लोग अपने घर और अपनी जान तक गवा बैठे हैं। मणिमहेश यात्रा के अधिकारी के तौर पर आरंभ होने से पहले ही सैकड़ो की तादाद में यात्रियों का उपमंडल मुख्यालय भरमौर पहुंचने का सिलसिला आरंभ हो जाता है पर इस बार बहुत ही कम श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं।
भारी बरसात के चलते रास्ते के क्षतिग्रस्त होने के कारण उप मंडल मुख्यालय भरमौर की ओर यात्री उम्मीद के अनुरूप रुख नहीं कर पाए हैं। माना जा रहा है कि जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बारिश के नुकसान होने से समेत प्रदेश भर में मची तबाही के चलते यात्री आधिकारिक यात्रा आरंभ होने से पहले भरमौर की ओर रुख करने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि मौजूद समय में यात्रियों का डल झील की ओर जाने का क्रम जारी है। लेकिन जिस तरह से पूर्व में यहां इन दोनों यात्रियों की भीड़ जुटी रहती थी उतनी ही भीड़ अब नहीं जुट पाई है। इसके चलते स्थानीय कारोबारी में भी चिंता का विषय लगा हुआ है। बता दे की मणिमहेश यात्रा को लेकर स्थानीय कारोबारी के अलावा विभिन्न गांव के लोगों द्वारा भी यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर अस्थाई दुकानें लगाई जाती हैं।
जिसके लिए इन्हीं लोगों ने लाखों रुपए के सामान की खरीदारी पहले कर ली कर ली है और क्यों ने उधर सामान ले रखा है। अब इन लोगों को कहीं ना कहीं चिंता यह भी है कि अगर मणिमहेश यात्रा के दौरान मौसम ऐसे ही खराब रहा तो उनके उनको लाखों का नुकसान हो जाएगा क्योंकि मौसम के खराब चलते यहां कोई भी श्रद्धालु मणिमहेश की यात्रा करने के लिए नहीं आएगा।
#मणिमहेश यात्रा की चढ़ने का हिस्सा बाहर करो!
चंबा ब्राह्मण प्रतिनिधि सभा चंबा के प्रतिनिधि मंडल ने उपयुक्त अपूर्व देवगन से मुलाकात कर मांग उठाई है की सदियों पुरानी परंपरा के मुताबिक मणिमहेश यात्रा के चढ़ने के लक्ष्मीनाथ मंदिर को मिलने वाले हिस्से को बहाल किया जाए। सभा ने तर्क दिया है कि पिछले कुछ वर्षों से लक्ष्मीनाथ मंदिर को चढ़ने से वंचित रखा जा रहा है। अब मणिमहेश ट्रस्ट में भी स्थान नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं सदियों से मणिमहेश यात्रा की परंपरा के संरक्षण व संवहन रहे श्री लक्ष्मी नाथ मंदिर वह दशनाम अखाड़ा के बावजूद को जिला प्रशासन नकार रहा है।
इस मौके पर ब्राह्मण प्रतिनिधि सभा के प्रधान अजितेश शर्मा व महासचिव सुरेश कश्मीरी सहित अन्य पदाधिकारी वह सदस्य मौजूद रहे। अगर ऐसे ही मौसम खराब रहा तो मणिमहेश की यात्रा को रद्द भी किया जा सकता है। हिमाचल में कुदरत का कहर इतना बढ़ गया है की जगह-जगह पर तो लैंड लैंडस्लाइडिंग हो रही है जिसके चलते कोई भी श्रद्धालु मणिमहेश की यात्रा करने के लिए नहीं जाएगा।