माता वैष्णो देवी कब जाना चाहिए और सही मौसम कब होता है।
अगर आप भी वैष्णो देवी यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो आपके मन में भी यही सवाल होगा की माता वैष्णो देवी यात्रा करने का सही समय क्या है।
अगर आप बर्फ देखना चाहते हैं तो दिसंबर और जनवरी और फरबरी सबसे अच्छा समय है, यात्रा करने का इन तीन महीनों में आपको वैष्णो माता के दरबार में बर्फ देखने को मिलेगी आपको इन दिनों में स्नोफआल् भी देखने को मिल जायेगा। लेकिन आपकी बर्फ देखने को कटरा शहर में नही मिलेगी वो आपको माता वैष्णो के भवन के पास और भैरो घाटी में देखने को मिलेगी। इस मौसम में शर्दलुओं की भीड़ भी कम रहती है। पर आपको बर्फ के चलते कई चुनोतियों का सामना करना पड़ सकता है।
सही मौसम:
वैष्णो माता मे दूसरा सबसे सही मौसम यात्रा करने का मार्च से जून महीने का माना जाता है इस वक़्त माता वैष्णो देवी के शर्दलुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है, क्योंकि मार्च में चैत्र नवरात्रि माता वैष्णो देवी के धूमधाम से मनाई जाती है और जून महीने में बचों को छुट्टियां भी होती है तो तब लोग दूर दूर से आते हैं इन महीनों में आपको माता वैष्णो के दरबार के बाहर दर्शन के लिए लम्बी लम्बी कतारें देखने को मिलेगी आपको दर्शन के लिए इंतज़ार करना पड़ सकता है।
माता वैष्णो देवी के यात्रा के लिए तीसरा सबसे अच्छा समय:
माता वैष्णो देवी के यात्रा के लिए तीसरा सबसे अच्छा समय सितम्बर से नोवम्बर भी माना जाता है। वैसे तो वैष्णो माता के दर्शन के लिए माता का दरबार हमेशा खुला रहता है लेकिन जुलाई और अगस्त में बारिश बहुत अधिक होती है जिसके कारण कई बार रास्ता बादित् हो जाता है जिससे इस समय यात्रा करने में दिक्कत हो सकती है।
वैष्णो माता कैसे जाएँ:
वैष्णो माता सबके दुख हरती है. माता के दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं आता है. माँ वैष्णो देवी तीन पिंडियों के रूप में विराजमान हैं, माँ काली, माँ सरस्वती, माँ लक्ष्मी इन तीनों के ही सवरूप को वैष्णो माँ का दर्जा मिला हुआ है. माँ के दरबार में जाने के लिए आपको भारत के हर शहर से रेलगाड़ी बस या फ़ीर जहाज मिल जाएगा।
वैष्णो देवी का दरबार 12 महीने खुला रहता है यहाँ पर मौसम भी अच्छा रहता है. सर्दियों में माता के दरबार में बर्फ भी गिरती है. गर्मियों में आपको कटरा में तो गर्मी देखने को मिलेगी पर भवन में मौसम बहुत अच्छा होता है. माँ की भक्ति में लिन भक्त जैकारे लगाते ढ़ोल बजाते हुये चलते जाते हैं।
माता वैष्णो देवी के रास्ते में आपको सुंदर पहाड़ियों का दूष्य दिखाई देगा. आपको बाणगंगा देखने को मिलेगी जिसमे लोग सनान करते हैं. बाणगंगा में माता ने जब भैरव नाथ माता का पीछा कर रहा था. तो वीर हनुमान उनके साथ थे माता ने उनकी प्यास भुजाने के लिए अपने धनुष से इस जगह तीर मारा जिससे एक जल धारा निकली फ़ीर माता ने हनुमान की प्यास भुजाने के बाद खुद इस झरने में अपने केश धोये क्यूंकी ये झरना बान से निकला था तो इसका नाम बाणगंगा पड़ गया भक्त आज भी यात्रा करते समय इस झरने में सनान करना नहीं भूलते।
बाणगंगा से पहले माता की चरणपादुका नामक मंदिर देखने को मिलता है. जहां पर जब भैरव नाथ माता का पीछा करा रहा था तो माता ने यहाँ पर पीछे मुड़कर देखा था. भक्त यात्रा करते समय इस जगह पर माथा टेक कर आगे बढ़ते हैं।
अर्ध कुँवारी मंदिर:
अर्ध कुँवारी मंदिर भी रास्ते में ही देखने को मिलेगा आपको अर्ध कवारी गुफा में माता वैष्णो देवी ने 9 महीने बिताए थे जब भैरव नाथ माता का पीछा कर रहा था तो माता ने उससे पीछा छुड़ाने के किए 9 महीने इस गुफा में शरण ली थी इस गुफा में दर्शन करने के लिए भक्तों की कतार लगी रहती है. पर कुछ भक्त जो यात्रा जल्दी खत्म करके जाना चाहते हैं वह इस गुफा में बिना दर्शन किए ही आगे भवन की और बढ़ जाते हैं।
जय माता दी.
हमने ये जानकारी इतिहासिक किताबों और कई इतिहासिक ग्रन्थों से ली है कोई भी त्रुटि हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं अधिक जानकारी और सुझाव के लिए contactus@vaishnomata.in पर संपर्क करें।
———————————————————————–
Affiliate Links (my suggestions):-
*PRODUCT BUY NOW ON AMAZON*
DISCLAIMER: The links provided in the description may be affiliate links. If you buy anything from these links, then I may get some commission. But bear in mind, you won’t be charged even an extra penny.
I would be glad if you use these links!
– LINKS- https://amzn.to/3RauZKs
Vaishno Mata – माता वैष्णो देवी कब जाना चाहिए और सही मौसम कब होता है
जब एक चिड़िया ने बनाया छत पे घोंसला
Miniature Cooking Aalu Puri At Village Cooking Style: मिनिएचर कुकिंग आलूपूरी